कहानी पंजाब के 103वें अंक का एएमयू में विमोचन

अलीगढ़, 11 अगस्तः पंजाबी कथा साहित्य को समर्पित तिमाही पत्रिका कहानी पंजाब के 103वें अंक का विमोचन आधुनिक भारतीय भाषा विभाग में आयोजित एक कार्यक्रम में अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष एवं जनसंपर्क विभाग के प्रभारी प्रोफेसर मोहम्मद आसिम सिद्दीकी द्वारा किया गया। इस पत्रिका का संपादन पंजाबी भाषा के शिक्षक प्रोफेसर क्रांतिपाल द्वारा किया गया है। पत्रिका का विमोचन करते हुए प्रोफेसर आसिम सिद्दीकी ने कहा कि कहानी पंजाब एक ऐसी अहम संस्था है जो न सिर्फ पंजाबी साहित्य में योगदान दे रही है बल्कि दूसरी भाषाओं के साहित्य में भी काफी रूची ले रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कथा-कहानी के क्षेत्र में कहानी पंजाब ने अपना एक विशिष्ठ स्थान निश्चित कर लिया है। उन्होंने कहा कि पत्रिका ने जहां नये उभरते एवं संवेदनशील कथाकारों को स्थान दे कर उनकी हौसला अफजाई की है वहीं विभिन्न भारतीय और विश्व की अन्य भाषाओं की कहानियों से भी पाठको को परिचित करवाया है। प्रोफेसर आसिम ने कहा कि कई दशकों से कहानी पंजाब डलहोजी में कहानी गोष्ठी आयोजित करती रही है जिसमें अलग अलग भाषाओं के कथाकार और आलोचक साहित्य पर मंथन करते रहे हैं। इसमें अलीगढ़ के विद्वान भी शिरकत करते रहे हैं। प्रोफेसर सिद्दीकी ने कहा कि कहानी पंजाब का संपादन एवं प्रकाशन साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त उपन्यासकार एवं कथाकार रामस्वरूप अणखी ने 1993 में प्रारंभ किया था और उन्होंने इसके 67 अंक संपादित किये। उनके बाद 68वें अंक से यह कमान उनके पुत्र प्रोफेसर क्रांतिपाल संभाल रहे हैं। प्रोफेसर सिद्दीकी ने कहा कि जिस प्रकार सर सैयद ने अलीगढ़ इंस्टीटयूट गज और तहजीबुल अखलाक को सदैव निश्चित समय पर प्रकाशित किया उसी तरह कहानी पंजाब का हर एक अंक भी नियमित समय पर प्रकाशित होता रहा है। पत्रिका के संपादक प्रोफेसर क्रांतिपाल ने कहा कि इस 103वें अंक में भारतीय कथा के तहत 12 भारतीय भाषाओं की कहानियां शामिल की गई हैं। जिनमें अब्दुल बिस्मिल्लाह (हिन्दी), वलसल्न वाथूसेरी (मलयालम), राजेश्वर सिंह राजू (डोगरी), रामनाथ राय (बंगला), देवी प्रसाद दाश (उड़िया), हिजम गुण सिंह (मणिपुरी), रामेश्वर गोदारा (राजस्थानी), जीआर महर्षि (तेलगू), जीबी प्रभात (अंग्रेजी), मधुराय (गुजराती), गुलाम अब्बास (उर्दू), और रेमन (पंजाबी), शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इस अंक में वालिदः प्रेमप्रकाश के तहत पंजाबी के वरिष्ठ कहानीकार प्रेम प्रकाश, संवाद कालम के तहत प्रोफेसर मोहम्मद सज्जाद का लेख जंगे आजादी और मुसलमान 1857 से 1947, संवाद कालम के तहत दूसरा मनधीर सिंह का लिखा लेख बंदी सिंह, सीरत निगारी कालम के तहत कथाकार बरयाम सिंह संधु का लिखा लेख संनदली पटारी-करनलेस सिंह पारस, याद कालम के तहत भीष्म सहानी का लिखा लेख और इतिहास बोध कालम के तहत अंजनी कुमार का लिखा लेख भी इस पत्रिका में शामिल किया गया है। विमोचन समारोह के दौरान आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मुस्ताक अहमद जरगर, प्रो. टीएन सतीश, प्रो. नजूम ए,प्रो. ताहिर खान एच पठान, डा. पठान कासिम खान और डा. आर तमिल सेलवन भी मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *