छेदा लाल और खेम सिंह की जोड़ी ने लोग गायन से अंग्रेजों के खिलाफ लोगों को किया था एकजुट

अलीगढ़। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कामरेड छेदालाल मूढ़ इतने निर्भीक और शेर दिल थे कि उन्होंने अलीगढ़ जेल की अव्यवस्थाओं को लेकर तत्कालीन जिला जेलर के मुंह पर पत्थर मार कर उसके दांत तोड़ दिए थे। यह उदगार अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अमरपाल ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत लहरा ग्राम पंचायत सचिवालय को काम रेड स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मूढ़ के १३१वें जयंती के समर्पण समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।चौधरी अमर पाल कहा कि छेदा लाल मूढ़ और स्वतंत्रता सेनानी खेम सिंह नागर की ऐसी जोड़ी थी जिसने अपने लोग गायन से कोलकाता मुंबई तक को अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट होने के लिए मजबूर कर दिया था। आजादी के अमृत महोत्सव के जिला समन्वयक सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि मूढ़ जी के कंठ में सरस्वती का वास था हरदुआगंज की सभा में मूढ़ जी के सामने जवाहरलाल नेहरू को सुनने के लिए जनता ने मना कर दिया था। कामेश गौतम ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बंगाल में पड़े अकाल के दौरान उन्होंने गायन के माध्यम से हजारों रुपए अन्न तथा वस्त्र एकत्र किए और अकाल पीड़ितों को दान कर दिया। राजस्थान लोक अदालत के अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा ने पुष्पांजलि देते हुए कहा कि 1922 से 1957 तक उत्तर भारत की शायद कोई ऐसी जेल होगी जिसमें मूढ़ जी के कदम ना पड़े हों।इस मौके पर सिंघारपुर से आई लोक गायकों की मंडली ने छेदालाल शर्मा मूढ द्वारा लिखे गए आजादी के तरानों की बेहतरीन प्रस्तुति दी। इस गायक मंडल में सर्व श्री नेत्रपाल सिंह जयप्रकाश पचौरी मंगलसेन श्यामवीर सिंह जसवीर सिंह आदि शामिल थे। जबकि लोग गायक शिव चरण लाल ने आजादी की बारहमासी तथा डॉ राजेंद्र सिंह राज ने आजादी की तराना को खयाल गायकी में प्रस्तुत किया अंत में ग्राम प्रधान पति किशन कौशिक ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस गांव में 8 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पैदा हुए हैं और सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का शिलापट ग्राम पंचायत और स्कूल में लगाया जाएगा ताकि नई पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सके। इस मौके पर मूढजी के पुत्र विनय कुमार शर्मा सुरेश चंद्र शर्मा देवेंद्र प्रताप गौतम देवेंद्र कुमार गुप्ता श्रीमती अब आपस में श्रीमती आशीष शर्मा दिनेश गांधी प्रोफेसर मनोज कुमार शर्मा समेत हजारों लोग मौजूद थे।