झूठ का बोलबाला, सच का निकलता जनाजा” : शफीक-उर- रहमान खान

समूचे हिंदुस्तान में सच के रास्ते पर चलने वालों का गला घोटने का काम तेजी से शुरू किया जा रहा है! समाज में एक ऐसी आबो- हवा घोली जा रही है! जो समाज को काले कोठरी में धकेलना का काम कर रही है! आज जिस तरह सच का आईना दिखाने वाले पत्रकारों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है! यह समाज के लिए और मानवता के लिए खतरे की घंटी का संकेत दिया जा रहा है! इन सब चीजों का जिम्मेदार समाज के सच पर चलने वाले के ऊपर जाता है! आज के दौर में झूठ सच का रूप ले लिया है, और सच झूठ का, इन सब चीजों का जिम्मेदार हम लोग ही हैं!जो अपने फायदे के लिए अपनी आने वाली नसलो के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं! आज हिंदुस्तान में जिस तरह मीडिया समाज के सकारात्मक रूप को दबाकर नकारात्मक चीजों को सरकार की चापलूसी करते हुए समाज में जहर घोलने का काम कर रही है! जो समाज को बांटने की रूपरेखा तैयार करते हुए सामाजिक दुश्मनी का रूप देने का काम कर रहे हैं! आज  बेबसी और नाइंसाफी की  सभी हदों को पार होते हुए देख रहे हैं! अभिसार शर्मा,उर्मलेश, चक्रवर्ती और ठाकुर जैसे सच्चे-बेबाक समाज में सच का आईना दिखाने वाले पत्रकारों को डरा धमका कर सच का गला घोटने का काम सरकार तेजी से कर रही है! आज समाज किस दिशा में जा रहा है! क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि समाज का आने वाला कल एक खतरनाक दिशा की तरफ बढ़ रहा है! जहां दुश्मनी और नफरत की ऐसी  बीज बोई जा रही है, जो भविष्य के लिए खतरे का संकेत है! क्या इसका निवारण हो सकता है…क्या इस जहर को खत्म करने का कोई मैप तैयार हो पाएगा ?…समाज के इंसाफ पसंद लोगों का जवाब इस  दिशा में क्या होगा?…….. 

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