आयुर्वेद में है गुदा रोग की सफल चिकित्सा :वैद्य हितेश कौशिक

शुक्रवार 06 अक्टूबर से रविवार 08  अक्टूबर तक यमुनापुरम में जीटी रोड स्थित समता आयुर्वेद केंद्र पर तीन दिवसीय निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर का शुभारंभ हुआ। शिविर में आए हुए लोगों को संबोधित करते हुए क्षारसूत्र एवं पञ्चकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य हितेश कौशिक ने बताया कि शरद ऋतु हेल्दी सीजन की सबसे पहली ऋतु है परन्तु थोड़ी सी लापरवाही अनेक प्रकार के रोगों को बुलावा दे दती है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में दिन में धूप की तीव्रता के कारण पित्त प्रकुपित हो जाता है जिससे पाचकाग्नि मन्द हो  जाती है । जोकि अनेकानेक रोगों का कारण है। जिससे गुदा रोग, मधुमेह ,हाई ब्लड प्रेशर, पित्तजन्य बुखार, मंदाग्नि,पीलिया आदि रोग हो जाते हैं एवं अधिक समय तक दर्द निवारक औषधियों का सेवन किडनी रोगों एक कारण बन जाता है । इसमें निद्रा का बहुत बड़ा योगदान है, निद्रा सही समय पर लेनी चाहिए । समय-समय पर पंचकर्म चिकित्सा लेते रहना चाहिए ।पंचकर्म चिकित्सा से शरीर में रुकी हुई अशुद्धियां शरीर से बाहर निकल जाती हैं और शरीर डिटॉक्स हो जाता है ।वैद्य हितेश कौशिक ने लोगों को तेज मिर्च मसाले युक्त भोजन, फास्ट फूड ,जंक फूड, मावे की मिठाईयां एवं पकवान ना लेने के बारे में भी सलाह दी । घर पर बने हुए भोज्य पदार्थों का ही प्रयोग करें।शरद ऋतु  के प्रभाव से पाचन कमजोर होने के कारण पाइल्स एवं अन्य गुदा रोगियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।इसके लिए हल्का भोजन लेना चाहिए, फलों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना चाहिए ।हरी सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए ।जितनी प्यास लगी हो उतना ही पानी पीना चाहिए।अधिक पानी का सेवन भी हानिकारक होता है।जितना हो सके    पानी का उबालकर सेवन करना चाहिए। मट्ठा का प्रयोग विशेष रूप से करना चाहिए ।शिविर में 45 रोगियों ने चिकित्सा लाभ लिया । जिनमें अधिकांश रोगी पाइल्स, भगन्दर, फिशर, मंदाग्नि, हाइपोथायरायडिज्म,माइग्रेन ,चर्मरोग एवं  सियाटिका के रोगी रहे। शिविर में संतोष, सुमन ,काजल, आदि का विशेष सहयोग रहा । शिविर का समापन रविवार को होगा।रविवार को ही पुष्य नक्षत्र के दिन जन्म से लेकर सोलह वर्ष की आयु के बच्चों को रोगों से बचाने के लिए निशुल्क स्वर्णप्राशन भी कराया जायेगा।

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