इंग्लिश लिटरेचर में हासिल की डिग्री, पहली ही फिल्म से मचाया तहलका

मुंबई
डायरेक्टर नीरज पांडे आज 50 साल के हो गए हैं। नीरज अपनी थ्रिलर फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। 2008 में उन्होंने फिल्म ‘ए वेडनसडे’से अपने करियर की शुरुआत की जिसमें नसीरुद्दीन शाह और अनुपम खेर लीड रोल में थे.इस फिल्म के निर्देशन के लिए नीरज को बेस्ट डायरेक्टर का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। इसके बाद उन्होंने स्पेशल 26, ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’, ‘अय्यारी’, ‘ऑपरेशन रोमियो’, ‘रुस्तम’जैसी फिल्में बनाकर अपनी पहचान बनाई।
इन दिनों नीरज अपनी वेब सीरीज ‘द फ्रीलांसर’ को लेकर चर्चे में हैं जिसमे मोहित रैना बतौर लीड नजर आ रहे हैं। नीरज के लिए इस वेबसीरीज की शूटिंग बेहद चैलेंजिंग थी
इंटरव्यू में नीरज ने वेबसीरीज फ्रीलांसर की कोविड के दौरान शूटिंग के बारे में कहा, ‘कोविड का समय था, आप इमेजिन करो कि आप इस तरह की स्केल का प्रोजेक्ट जो है, जो मांग करता है कि क्रू जो है वह यहां से ट्रैवल करें। वह भी मोरक्को जैसे देश में और मोरक्को में भी हम तीन-चार जगह पर ट्रेवल कर रहे थे। कोविड को लेकर एयरलाइंस से लेकर हर एक मुल्क का अपना एक प्रोटोकॉल था। सबसे बड़ा चैलेंज चाहिए था कि आप इतना बड़ा और इतना लंबा शेड्यूल, आप अपने क्रू को प्रोटेक्ट करके और एग्जीक्यूट कर पाएं। यह अपने आप में सबसे बड़ा चैलेंज था। इस तरह के प्रोजेक्ट में बहुत सारे लॉजिस्टिक होते हैं जिसमें बहुत सारे इक्विपमेंट, हार्डवेयर प्रॉप्स होते हैं, गन होते हैं, इन सबको हमको यूरोप के कई देशों से लेना पड़ता है, हायर करना पड़ता है खरीदना पड़ता है। तो उन सबके लॉजिस्टिक का अपने आप में हमारे लिए एक नाइटमेयर था। नीरज का जन्म हावड़ा, वेस्ट बंगाल में हुआ था. नीरज के पिता बिहार के आरा जिले के रहने वाले थे और हावड़ा में स्थित जर्मन कंपनी बोस्च में काम करते थे। बचपन से ही नीरज को कहानियों, कविता और शायरी में रुचि थी.नीरज हावड़ा में बड़े हुए जहां उन्होंने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई सेंट अलोयसियस हाई स्कूल से की। इसके बाद नीरज ने सेंट थॉमस हाई स्कूल, दासनगर से 12वीं पास की और अपनी आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए।
दिल्ली विश्वविद्यालय के अरविंदो कॉलेज से उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। पढ़ाई ख़त्म होने के बाद, नीरज ने टेलीविजन प्रोग्राम बनाने वाली कंपनी – लिगेसी एंटरटेनमेंट ज्वाइन की, जहां उन्होंने फिल्मों और फिल्म प्रोडक्शन के बारे में बेसिक बातें सीखीं। इसके बाद नीरज ने 2002 में मुंबई का रुख किया।