श्रीलंका के राष्ट्रपति और बांग्लादेश के अपने समकक्ष से भी की चर्चा

विदेश मंत्री एस जयशंकर 19वें गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) शिखर सम्मेलन के लिए युगांडा की राजधानी कंपाला में हैं। इस बीच शनिवार को उन्होंने अपने फलस्तीनी समकक्ष रियाद अल-मलिकी से मुलाकात की है। जयशंकर ने कहा कि फलस्तीनी समकक्ष के साथ बातचीत के दौरान गाजा में चल रहे संघर्ष पर विस्तृत और व्यापक चर्चा हुई। इसके मानवीय और राजनीतिक आयामों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया

उन्होंने कहा कि इजरायल और फलस्तीन मुद्दे का समाधान करने के लिए भारत दो राष्ट्र समाधान का समर्थन करता रहेगा। उन्होंने भारत के समर्थन का भरोसा दिलाते हुए संपर्क में बने रहने पर सहमति भी व्यक्त की। इससे पहले शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में भी जयशंकर ने द्वि-राष्ट्र समाधान के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।

जयशंकर ने कहा कि गाजा हमारी विशेष चिंता का केंद्र है। इस मानवीय संकट के लिए एक स्थायी समाधान की जरूरत है, ताकि सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों को तत्काल राहत मिले।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से दुनियाभर के देशों को अपनी चपेट में ले रहा है। ऋण, मुद्रास्फीति और विकास जैसी तीन प्रमुख चुनौतियां भी विकास पर भारी पड़ रही हैं। गंभीर चिंताओं के मूल में दुनिया की वह प्रकृति है जिससे अधिकांश देश जूझ रहे हैं। इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच इंडोनेशिया के विदेश उपमंत्री पहला मंसूरी ने कहा कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 19वें शिखर सम्मेलन में फलस्तीनी राज्य पर समर्थन समेत युद्ध से जुड़े कई ¨बदुओं पर सहमति बनी है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने शनिवार को अपने बांग्लादेशी समकक्ष से भी मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि कंपाला में बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ मोहम्मद हसन महमूद से मिलकर खुशी हुई। उनकी नियुक्ति पर उन्हें बधाई दी और उनकी सफलता की कामना की। भारत-बांग्लादेश संबंध मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। जल्द ही दिल्ली में उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं।

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