एएमयू में हैल्थ सम्मिट का आयोजन

अलीगढ़ 28 अक्टूबरः दवाखाना तिब्बिया कॉलेज (डीटीसी) अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी द्वारा प्रमुख स्वास्थ्य संबन्धी समस्याओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लाक के कांफ्रेंस एक दिवसीय स्वास्थ्य सम्मेलन का आयोजन किया गया।उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने की। प्रसिद्ध एनेस्थेसियोलॉजिस्ट और क्रिटिकल केयर चिकित्सक और पद्म भूषण पुरस्कार विजेता, डॉ. बृजेंद्र कुमार राव, जो वर्तमान में सर गंगा राम अस्पताल नई दिल्ली के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष हैं, सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने अपने अध्यक्षीय भाषण में दवाखाना तिब्बिया कॉलेज के सदस्य प्रभारी प्रोफेसर सलमा अहमद और दवाखाना तिब्बिया कॉलेज के कार्यवाहक महाप्रबंधक श्री मोहम्मद शारिक आजम द्वारा की गई इस पहल की सराहना की।प्रबंधन अध्ययन और अनुसंधान संकाय की डीन और डीटीसी की प्रभारी सदस्य प्रोफेसर सलमा अहमद ने सम्मेलन में मेहमानों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रोफेसर सलमा ने कहा कि स्वास्थ्य सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य लोगों के बीच स्वास्थय संबंधी जागरूकता पैदा करके स्वस्थ्य के बारे में भविष्य के लिए एक एजेंडा निर्धारित करना था।मुख्य अतिथि डॉ. बी.के. राव ने एलोपैथिक उपचार पर निर्भरता के बजाय स्वास्थ्य के प्रति समग्र चिकित्सा पद्धिति दृष्टिकोण् अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने यूनानी चिकित्सा की भूमिका और योगदान पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन के लिए संसाधन व्यक्ति प्रोफेसर जेएन मेडिकल कालिज में कार्डियोंलोजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आसिफ हसन, जामिया मिलिया के यूनिवर्सिटी के डॉ तबरेज़ उज़ज़मा और जेएन मेडिकल कालिज के डॉ नफीस फैजी थे।पहला सत्र में जामिया मिलिया इस्लामिया के संकाय डॉ तबरेज़ उज़ज़मां ने उपचारात्मक उपायों की बजाय बीमारियों को कम करने के लिए निवारक उपायों पर जोर दिया। डॉ. जमां ने वर्तमान जीवनशैली में मानसिक स्वास्थ्य और तनाव, विशेषकर टेक्नोस्ट्रेस के प्रबंधन के महत्व पर विस्तार से बताया, ताकि इससे उत्पन्न होने वाली किसी भी बीमारी से बचा जा सके।इस सत्र के बाद जेएनएमसी, एएमयू के कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आसिफ हसन ने कार्डियो-वैस्कुलर बीमारियों (सीवीडी) के कारणों और लक्षणों के बारे में बात की और विशेष रूप से युवाओं में बढ़ती हृदय रोग समस्याओं तथा महिलाओं के सामने आने वाली उन समस्याओं पर भी प्रकाश डाला जिनके कारण उनकी हृदय संबंधी बीमारियाँ अज्ञात या अनसुलझी रह जाती हैं।अंतिम सत्र की मेजबानी जेएनएमसी, एएमयू के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. नफीस फैजी ने की। डॉ. फैजी ने संचारी और गैर-संचारी रोगों (एनसीडी), उनके कारणों, लक्षणों और इलाज के बारे में बात की। उन्होंने ऐसी बीमारियों से संबंधित हालिया रुझानों पर प्रकाश डाला और सुझाव दिया कि एनसीडी में रुग्णता और संचारी रोगों में मृत्यु दर एक बड़ी समस्या है।उद्घाटन समारोह का संचालन सुश्री तूबा फातमा बिलग्रामी ने किया और धन्यवाद ज्ञापऩ जिया रिजवी ने दिया तकनीकी सत्र की मेजबानी सुश्री सानिया खान और अंबरीन शाकिर ने की। इस अवसर पर एएमयू के प्रबंधन अध्ययन और अनुसंधान संकाय के सभी रिसर्च स्कॉलर मौजूद रहे।