एएमयू के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

अलीगढ़ 5 सितंबरः जी20 शिखर सम्मेलन की भारत द्वारा की जा रही अध्यक्षता का जश्न अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जारी है, जिसके अंतर्गत विशेष रूप से जी20 शिखर सम्मेलन की थीम, ‘वसुधैव कुटुंबकम – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श के लिए बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग द्वारा ‘जी20 देश और प्रबंधन शिक्षाः उद्योग 4.0 परिप्रेक्ष्य’ विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।अध्यक्षीय भाषण में, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के पूर्व प्रमुख और डीन, प्रो. बी.पी. सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि उच्च शिक्षण संस्थानों को मॉडल जी20 मंचों और राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में जी20 ब्रांडिंग को बढ़ावा देना चाहिए और अपने छात्रों को विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के साथ विचारों के आदान-प्रदान के लिए सांस्कृतिक राजदूत के रूप में उपयोग करना चाहिए।उन्होंने छात्रों से बदलाव लाने और अर्थव्यवस्था और संसाधनों के मामले में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक बनने के राष्ट्रीय लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए देश के आर्थिक अवसर का उपयोग करने का आग्रह किया।प्रोफेसर एलेक्जेंडर लैंबर्ट (स्कूल ऑफ इंटरनेशनल ट्रेनिंग, जिनेवा) ने ‘उद्योग 4.0 और एआईः जी20 के लिए निहितार्थ’ विषय पर अपने उद्बोधन में जमीनी स्तर पर बदलाव लाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका को रेखांकित किया।उन्होंने विकास संबंधी उद्देश्यों के लिए डेटा के उपयोग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के महत्व पर जोर दिया, साथ ही एआई का उपयोग करते समय डेटा गोपनीयता, मानवाधिकार और नैतिकता के बारे में बढ़ती चिंताओं से भी आगाह किया।प्रो. फैसल अहमद (एफओआरई स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, नई दिल्ली) ने ‘प्रबंधन पाठ्यक्रम और युवाओं की आकांक्षाएंः जी20 अर्थव्यवस्थाएं और इस से परे’ विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने प्रबंधन पाठ्यक्रम में अन्य विषयों के ज्ञान को शामिल करने के महत्व पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को वैश्विक राजनीतिक संस्थानों और प्रणालियों की गहरी समझ विकसित करने की सलाह दी।जी20 मुद्दों को सुविधाजनक बनाने में शैक्षिक संस्थानों की भूमिका’ पर बोलते हुए, डॉ. राजन एस. रत्ना (संयुक्त राष्ट्र – ईएससीएपी, नई दिल्ली) ने वैश्विक मुद्दों पर प्रासंगिक शोध की भूमिका पर जोर दिया और प्रतिभागियों से नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने का आग्रह किया।प्रो. मिर्जा असमर बेग (डीन, सामाजिक विज्ञान संकाय, एएमयू) ने ‘जी20 और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के लिए निहितार्थ’ विषय पर बोलते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकास को प्रभावित करने वाली नीति के विभिन्न पहलुओं को समझाया। उन्होंने बदलती विश्व व्यवस्था के अधिक जटिल मुद्दों का पता लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया।इससे पूर्व, प्रबंधन अध्ययन और अनुसंधान संकाय की डीन, प्रोफेसर सलमा अहमद ने अतिथि वक्ताओं का स्वागत किया और संगोष्ठी के महत्व पर प्रकाश डाला।विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर जमाल ए. फारूकी ने जी20 देशों के बिजनेस फोरम (बी20) द्वारा इंगित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के अनुरूप संगोष्ठी की प्रासंगिकता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रबंधन शिक्षा को उद्योग 4.0 की छत्रछाया में विकसित प्रौद्योगिकियों के साथ समन्वयित करने के लिए कैसे संशोधित किया जाना चाहिए। इसको समझना बेहद आवश्यक है।तकनीकी चर्चा के बाद एक इंटरैक्टिव प्रश्न-उत्तर सत्र का भी आयोजन किया गया। डॉ. अहमद फ़राज़ खान ने समापन टिप्पणी प्रस्तुत की और धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. लामय बिन साबिर ने किया।