एएमयू के प्रोफ़ेसर निज़ामुद्दीन खान द्वारा भारत-ताइवान द्विपक्षीय कार्यशाला में व्याख्यान प्रस्तुत

अलीगढ़ एक्सप्रेस –

अलीगढ़  अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रोफेसर निजामुद्दीन खान ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी), नई दिल्ली में आयोजित पहली भारत-ताइवान द्विपक्षीय कार्यशाला में ‘भारत में खाद्य सुरक्षा के आयाम और चुनौतिया’ विषय पर व्याख्यान दिया। भारतीय सामाजिक विज्ञान और अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली द्वारा आयोजित कार्यशाला का विषय ‘खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण आजीविका और सतत विकास’ था।

प्रो. खान ने कहा कि भारत विश्व में लगातार खाद्य सुरक्षा में सुधार की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जबकि स्वतंत्रता के बाद की अवधि में खाद्यान्न और अन्य संबंधित खाद्य उत्पादों के उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि हुई है।

प्रोफेसर खान ने आगे कहा कि 2013 का राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) लोगों के भोजन विकल्पों की सामाजिक सांस्कृतिक प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए, सभी के लिए सुरक्षित, स्वस्थ, गुणात्मक भोजन तक नियमित और अप्रतिबंधित पहुंच सुनिश्चित करना चाहता है। उन्होंने कहा कि खाद्य वितरण श्रृंखला को मजबूत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा पीडीएस, आरपीडीएस, टीपीडीएस, अंत्योदय योजना और अन्नपूर्णा योजना जैसी कई योजनाएं शुरू की गई हैं।

मध्याह्न भोजन, एकीकृत बाल विकास योजना, कर्नाटक में इंदिरा कैंटीन और तमिलनाडु में अम्मा उनावगन (मदर्स कैंटीन) महत्वपूर्ण कदम हैं, जो लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 80 करोड़ गरीबों को सब्सिडी वाले भोजन की घोषणा मजबूत खाद्य सुरक्षा उपलब्धि की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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