वन्यजीव सप्ताह के उपलक्ष में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

मुशीर अहमद खां –
14 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वन्यजीव विज्ञान विभाग द्वारा जैव विविधता और पर्यावरण अध्ययन अनुभाग में वृक्षारोपण अभियान के साथ-साथ ‘राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह -2023‘ के उपलक्ष में एक वेबिनार का आयोजन किया गया।प्रख्यात वैज्ञानिक, प्रोफेसर गोपी जी.वी., प्रमुख, लुप्तप्राय प्रजाति प्रबंधन विभाग, भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) ने भारत के जैव विविधता हॉटस्पॉट ‘पूर्वोत्तर में जैव विविधता वन्यजीव संरक्षण‘ पर एक व्याख्यान दिया। उन्होंने वन्यजीव संरक्षण में रेडियो-टेलीमेट्री और कैमरा ट्रैपिंग जैसी उन्नत तकनीकों की प्रभावी भूमिका पर चर्चा की।
इससे पूर्व, अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए, डॉ. नाजनीन जहरा (आयोजन सचिव) ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण उत्सव आजादी का अमृत महोत्सव के साथ साथ मनाया जा रहा है और हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास दूरदर्शी प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी हैं, जिनके मार्गदर्शन में भारत ने कुनो राष्ट्रीय उद्यान में सफलतापूर्वक चीता के पुनर्संरक्षण कार्यक्रम को शुरू किया है।
श्री अरुण चैधरी ने वन्यजीव सप्ताह के महत्व पर प्रकाश डाला और मेगा-जैव-विविध देशों में से एक के रूप में भारत के महत्त्व को रेखांकित किया। उन्होंने विलुप्त होने के खतरे से दोचार 42000 से अधिक प्रजातियों के आवास विनाश, जलवायु परिवर्तन, आक्रामक प्रजातियों, प्रदूषण और बीमारियों सहित विभिन्न खतरों को देखते हुए वन्यजीव जागरूकता का आह्वान किया।मुख्य वक्ता प्रो. पी.के. मलिक, जो चीता पुनरुत्पादन कार्यक्रम में शामिल हैं, ने ‘मानव-वन्यजीव इंटरफेस, जैव विविधता हानि और जलवायु परिवर्तनरू रोग उद्भव के साथ संबंध‘ पर बात की।सना जमीर ने वेबिनार का आरम्भ किया, जबकि श्री इंतखाब ने धन्यवाद ज्ञापित किया। देवांशु और एलियान ने वेबिनार के प्रसारण का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया।वेबिनार में लगभग 600 प्रतिभागियों ने भाग लिया।आर्बरेटम में चलाए गए वृक्षारोपण अभियान के तहत प्रोफेसर जमाल ए खान के नेतृत्व में सूखे पर्णपाती पौधे लगाए गए।