राष्ट्रपति मुर्मु के संबोधन से शुरू होगा संसद का बजट सत्र, सभी निलंबित सांसद होंगे बहाल

नई दिल्ली।

 संसद का बजट सत्र बुधवार से प्रारंभ हो रहा है। इससे पहले सरकार ने विपक्षी दलों के साथ पिछले सत्र में पैदा हुई खटास को खत्म करने की दिशा में बड़ी पहल की है। इसके तहत उन 14 विपक्षी सदस्यों की सदस्यता बहाल करने का एलान किया गया है, जिन्हें अनिश्चितकाल के लिए निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया था। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि लोकसभा के स्पीकर और राज्यसभा के सभापति ने इस संबंध में सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, उनकी अब तक की निलंबन अवधि को ही सजा मान लिया गया है और उन्हें बजट सत्र में शामिल होने का अधिकार मिल गया है

संसद के पिछले सत्र के दौरान सदन में हंगामा करने के कारण 146 सदस्यों को निलंबित किया गया था। इनमें 100 लोकसभा और 46 राज्यसभा के थे। इनमें से 14 सदस्यों (11 राज्यसभा एवं तीन लोकसभा के) को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया था।

लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने खेद जताने पर कांग्रेस के तीनों सांसदों अब्दुल खालिक, के. जयकुमार एवं विजय वसंत का निलंबन खत्म करने की सिफारिश की। जबकि राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने 11 सदस्यों को विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का दोषी पाया था, लेकिन सभापति जगदीप धनखड़ ने उनका निलंबन रद कर दिया।

इन सदस्यों में जेबी मातर हिशाम, एल. हनुमंतैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जीसी चंद्रशेखर, बिनय विश्वाम, संतोष कुमार पी, एम. मुहम्मद अब्दुल्ला, जान ब्रिटास और एए रहीम शामिल हैं। बाकी 132 सांसदों को सिर्फ सत्रभर के लिए निलंबित किया गया था, ऐसे में सत्र खत्म होते ही वे स्वत: बहाल हो गए।

दरअसल, सरकार ने महसूस किया कि निलंबन के कारण ये सदस्य नए संसद भवन में बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का पहला अभिभाषण नहीं सुन सकेंगे, इसलिए निलंबन वापस लेने का फैसला किया गया। राज्यसभा की समिति ने मंगलवार को ही अपनी रिपोर्ट सभापति को सौंपी। सामान्य तौर पर वह अपनी रिपोर्ट सदन में पेश करती है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह अंतिम सत्र है। ऐसे में सरकार सारी तल्खियां और खटास यहीं छोड़ना चाहती है।

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