सपा में और मजबूत होंगे शिवपाल यादव; -लगातार दूसरी बार भतीजे के भरोसे पर खरे उतरे चाचा

सपा अध्यक्ष अखिलेश ने घोसी को जिताने की जिम्मेदारी चाचा शिवपाल को सौंपी थी।जिस तरह से उन्होंने मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव में बहू डिंपल यादव को जिताने के लिए घूमकर पसीना बहाया था उसी तरह घोसी उपचुनाव में सुधाकर सिंह के लिए घर-घर जाकर जनसंपर्क किया।शिवपाल बिलकुल उसी तर्ज पर घोसी में काम किया जिस तरह अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के समय सपा के लिए करते थे।सपा अध्यक्ष अखिलेश ने घोसी को जिताने की जिम्मेदारी चाचा शिवपाल को सौंपी थी। चाचा ने इसे बखूबी निभाया। जिस तरह से उन्होंने मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव में बहू डिंपल यादव को जिताने के लिए गली-गली घूमकर पसीना बहाया था उसी तरह घोसी उपचुनाव में सुधाकर सिंह के लिए घर-घर जाकर जनसंपर्क किया। शिवपाल बिलकुल उसी तर्ज पर घोसी में काम किया जिस तरह अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के समय सपा के लिए करते थे।उन्होंने घोसी में प्रत्येक बूथ पर अपने भरोसे के नेताओं की ड्यूटी लगाई साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा कि यहां सांप्रदायिक ध्रुवीकरण न होने पाए। उन्होंने दारा सिंह चौहान को बाहरी व सुधाकर सिंह को स्थानीय नेता बताकर लोकल बनाम बाहरी का मुद्दा छेड़ते हुए चुनाव ही बदल दिया। उपचुनाव में मिली जीत के बाद अब पार्टी में उनकी भूमिका और अहम होगी। लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण से लेकर कौन कहां से चुनाव लड़ेगा इसमें भी उनकी राय अहम रहेगी।

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